रोज रात को तरुशिखरों पर बोला करते उल्लू। सोते-सोते जग जाता है , मेरे घर का गिल्लू॥ काँव-काँव कौवे को पाकर बच्चे दौड़ा करते हैं- कभी-कभी तो खुद ही वो आपस में रोड़ा करते हैं। सुबह-सवेरे जब पेड़ों …
Source: जीवन ऐसा ही है
रोज रात को तरुशिखरों पर बोला करते उल्लू। सोते-सोते जग जाता है , मेरे घर का गिल्लू॥ काँव-काँव कौवे को पाकर बच्चे दौड़ा करते हैं- कभी-कभी तो खुद ही वो आपस में रोड़ा करते हैं। सुबह-सवेरे जब पेड़ों …
Source: जीवन ऐसा ही है